अनुशंसित पुस्तकों का सारांश

TIME MANAGEMENT (समय प्रबंधन) - Section 1 (अनुभाग एक)


हम सभी के पास दिन में 24 घंटे होते हैं ही कुछ से कम वाले। हम इन 24 घंटों का उपयोग कैसे करते हैं यह अक्सर निर्धारित करता है कि हम सफल होंगे या असफल। लेकिन कई बार हम नहीं जानते कि हम समय का सबसे अच्छा उपयोग कैसे कर सकते हैं। अपना समय कहाँ बचा सकते हैं और अपने जीवन को कैसे सार्थक बना सकते हैंइसलिए हमें समय के सर्वोत्तम उपयोग के सिद्धांतों को जानना होगा.


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टाइम मैनेजमेंट पुस्तक का सारांश आपको समय के सर्वोत्तम उपयोग के 30 सिद्धांतों के माध्यम से आपके जीवन को सफलखुश और समृद्ध बनाने में मदद करेगा। चाहे आप सेल्समैन हों या नियोक्ता या ग्रहणी या छात्रये सिद्धांत आपको अपने जीवन में मदद करेंगे।
इस पूरे संसार में सिर्फ एक ही कोना है  जिसे सुधारना  आपके हाथ में है और वह है स्वयं आप
एक  शोध से पता चला है कि मल्टी टास्किंग यानि एक  ही समय में कई कार्यों को करना मनुस्य  लिए काफी मुश्किल होता है और इससे एकाग्रता और काम की गुर्वत्ता  कमी अति है.

"एक ही समय में कार्य करने से एक भी नहीं होता है" 
"अगर आप नहीं तो फिर कौनअगर अभी नहीं तो फिर कब"

 यहाँ से आगे बढ़ने से पहले अपने आप से तीन बुनियादी सवाल करते है,

आजकल समय की इतनी कमी क्यों महसूस होती है ?

 क्या आपने कभी सोचा है कि आजकल समय की इतनी कमी क्यों महसूस होती हैसमय की कमी हमारे जीवन का अप्रिय और अनिवार्य हिस्सा बन गई है
क्या अपने कभी ये सोचा है की हमारे पूर्वजों को टाइम मैनेजमेंट की जरूरत  पड़ी.  हम सभी को पूरे दिन में २४ घंटे ही मिलते है  हमें भी और हमारे पूर्वजों को भी
लेकिन २०वी सदी की शुरुआत से हमारे जीवन में समय काम पड़ने लगा  देने वाली बात ये है की २०वी सदी  शुरुआत से ही मनुष्य ने नए नए समय बचने के उपकरण बनाने शुरू किएआधुनिक अविष्कारों ने हमारे जीवन की गति बढ़ा दी
शायद ये आधुनिक अविष्कार ही  हमारे जीवन में समय की कमी के सबसे बडे कारण है  इनकी बदौलत हम दुनिआ से तो जुड़ गए  अपने आपसे दूर हो  गए
हाई ब्लड प्रेशरडाईबीटीसकैलेस्ट्रोल और हृदय रोग की तरह समय की कमी भी एक आधुनिक  समस्या है  यदि आप इस समस्या को सुलझाना चाहते है तो  जीवन शैली को बदलना होगायाद रखने योग्य बात ये  है कि दुनिआ नहीं बदलेगी  आपको ही बदलना होगा

यदि हम समय का प्रबंधन नहीं कर सकते तो हम किसी भी चीज़ का प्रबंधन नई कर सकते।

आपके पास दरअसल कितना समय है ?

भगवान ने समय ही एक ऐसी दौलत दी है  जो सबके  बराबर है.  सभी को २४ घंटे ही मिले हैये एक ऐसी दौलत है जिसे आप कहीं सेव नहीं कर सकते  ये घडी की  सुई के साथ लगातार आपके हाथ से फिसलता रहता है हमारे हाथ में सिर्फ इसका सदुपयोग और दुरूपयोग करना ही है

यदि हम सदुपयोग करेंगे तो अच्छे परिणाम मिलेंगे यदि दुरूपयोग करेंगे तो बुरे परिणाम मिलेंगे

एक छोटे से कैलकुलेशन को कर्क देखते हैक्या आप  जानते है की समय का एक बड़ा हिस्सा आपके नियंत्रण में नहीं होता जीवन का सिर्फ ६० % हिस्सा हमारे नियंत्रण में होता है ४०पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता (पूरे दिन में १० घण्टे नींदखानेपीनेनित्यकर्म  में निकल जाते है ) १४ घंटे का समय ही हमारे हाथ में होता है.

यदि हम अपनी औसत आयु १०० वर्ष  मान ले तो हमारे पास ३६५०० दिन हैअब आप हिसाब करें की आपके पास कितने दिन बचे है जिसमे आपको अपने जीवन का लक्ष्य प्राप्त करना है
यदि हम जीवन में कुछ करनाबनना और पाना चाहते है तो यह जरूरी है की हम समय का प्रबंधन करना सीख ले.

आपका समय कितना कीमती है ?

क्या आप जानते है की आपका समय कितन कीमती हैचलिए दिए गए फॉर्मूले का प्रयोग करते है..
आपके एक घंटे का मूल्य =आपकी आमदनी/काम के घंटे

मान ले आप  महीने में २०,०००/- कमाते है और इसके लिए आप महीने में २५ दिन  घंटे काम करते है यानि,
२००००/२००=१००/- (प्रति घंटा)


अब देखते  है  कि  यदि आप दिन में एक घंटे का समय बर्बाद करते है तो आपकी हर दिन १००/- का नुकसान हो रहा है यानि साल में ३६,०००/-. है यदि दो घंटे तो साल का ७२,०००/- यह देखने के  बाद आपकी ऑंखें खुली  रह जाएंगी आप यह जान सकेंगे कि आपको कितना आर्थिंक नुकसान हो रहा है और यदि आपको अहसास होता है की आप अपने समय  वर्त्तमान मुलाय से संतुष्ट  नहीं है तो आप उसे बढ़ने के उपाय खोजने लगेंगे। 

TIME MANAGEMENT (समय प्रबंधन) - Section 2 (अनुभाग दो)


समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग के ३० सिद्धांत 

१. समय की लॉग बुक  रखें,

"घडी को  वही करें जो ये करती है, चलते रहें "

जिस तरह आप पैसों का बजट बनाते है उसी तरह समय का भी बजट बनाएं, एक डाइरी लें और एक सप्ताह तक ये रिकॉर्ड रखें की आप किस काम में कितना टाइम खर्च कर रहें है. समय की अपनी लॉग बुक में आप जितना बारीक़ हिसाब रखेंगे आपको उतना ही ज्यादा फायदा होगा। लॉग बुक के पहले कॉलम में गतिविधि की बजाय घंटे लिखें  महत्वपूर्ण अंतराल छूट न जाए ।

आप चाहें तो लॉग बुक का काम कंप्यूटर एक्सेल शीट या किसी सॉफ्टवेयर में भी कर सकते है।  इससे आपको पता लगेगा कि आपका समय किन गतिविधिओं में या कामों में लग रहा है।  मोबाइल  फ़ोन में  अपने कितनी देर बात की, इंटरनेट में अपने कितना समय दिया।

इंसान मूलतः आलसी होता है इसलिए आपके मन में भी इस अभ्यास से बचने क लिए प्रलोभन जाग्रत हो जाएगा। आप सोच सकते है कि लॉग बुक रखने की क्या जरूरत है।  आप यह भी सोच सकते है की आपको अच्छी तरह से पता है की आपका समय कहाँ जा रहा है।  लेकिन ऐसा  हरगिज़ भी ना करें।  लॉंग बुक को वह महत्वपूर्ण  जिसकी नीव में समय प्रबंधन का महल  खड़ा है।  इसलिए खुद को अनुशाषित करें और समय प्रबंधन के दुसरे सिद्धांत में पहुंचने से पहले लोग बुक रखें।

यह कभी न भूलें कि समय प्रबंधन की पहली आवश्यकता यह जानना है कि आपका समय कहाँ और कितना खर्च हो रहा है।

लॉग बुक का विश्लेषण इस दष्टि से करें की आपके द्वारा किए गए  महत्वपूर्ण है और कौन से महत्वहीन।  कहाँ से समय निकाला जा सकता है और किन कामों  को पूरी तरह या आंशिक रूप से छोड़ा जा सकता है।

मूलभूत नियम यह है कि किसी नई चीज़ को करने के लिए कोई पुरानी  चीज़ छोड़नी होगी।  अगर आपको कोई चीज़ पानी है तो उसकी कीमत चुकानी होगी।

"जो लोग अपने समय का सबसे बुरा उपयोग करते है, वही सबसे पहले इसकी कमी का रोना रोते  है "


२. आर्थिक लक्ष्य बनाएं,

अगर आपका कोई लक्ष्य नहीं है तो आपकी सफलता संदिग्ध है अगर आप यह नहीं जानते कि आपको कहाँ जाना है तो आप कहीं नहीं पहुंच सकते।
लक्ष्य दो तरह के होते है , 
सामान्य लक्ष्य 
निश्चित लक्ष्य 

सामान्य लक्ष्य इस तरह होता है "मैं और ज्यादा मेहनत करूँगा मैं अपनी कार्यकुशलता को बढ़ाऊंगा मैं अपनी योग्यता में वृद्धि करूँगा इत्यादि।
निश्चित लक्ष्य इस तरह होता है "मैं हर दिन ८ घंटे काम करूँगा या मैं हर महीने २०,००० रुपये कमाऊगा।

लक्ष्य जितना स्पष्ट होता है आपके सफल होने की संभावना उतनी ही अधिक  होती है स्पष्ट आर्थिक लक्ष्य सफलता के लिए कितने महत्वपूर्ण होते है इसका एक उदहारण देखें,

एक सेल्समन की पत्नी अस्पताल में लम्बे समय तक भर्ती रही  हैरानी की बात ये है कि उस साल सेल्समन ने औसत से लगभग दोगुना सामान बेचा।  जब उससे उसकी सफलता का कारण  पूछा गया तो उसने कहा की अस्पताल का बिल उसके सामने रखा था और वह सटीकता से जानता था कि बिल चुकाने के लिए उसे कितना काम करना होगा।
इस उदहारण से स्पष्ट हो जाता है कि अगर मनुष्य ठान  ले तो वह अपने  लक्ष्य को हासिल कर सकता है बशर्ते उसके सामने स्पष्ट लक्ष्य हो

"अमीर बनने का मतलब है पैसा होना, बेहद अमीर बनने का मतलब है समय होना"  

आर्थिक लक्ष्य बनाना बहुत ही आसान है आपको  तो यथार्थवादी ढंग से यह तय करना होगा कि आप हर महीने कितनी राशि कमा सकते है  गणित  सहायता से यह पता लगाना है कि धनराशि को कैसे कमाया जाए।
उदाहरण के लिए अगर कोई दुकानदार हर महीने १०,००० रुपये कामना चाहता है और उसे एक प्रोडक्ट बेचने पर ५० रुपये का लाभ  होता है तो गणित आसान है उसे हर महीने २०० प्रोडक्ट बेचने होंगे औसत का यह आंकड़ा जानने के  बाद अब वह काम को  टाल नहीं सकता।  अब वह मूड न होने या बोरियत का बहाना भी नहीं बना सकता। क्योंकि काके गज़ पर अंकों का गणित उसे बता रहा है कि अगर उसे लक्ष्य प्राप्त करना है तो उसे हर दिन कितना  पड़ेगा।

"संसार हर उस व्यक्ति को जगह देने के लिए एक तरफ हट जाता है, जो जानता है की वह कहाँ जा रहा है"

आर्थिक लक्ष्य बनाना और उसके सन्दर्भ में अपनी प्रगति का विश्लेषण करना बेहद जरूरी है क्योकि हमें अक्सर लगता है की हम बहुत मेहनत कर रहे है हमें लगता है कि हम जितना कर रहे है उससे जयादा नहीं कर सकते।  लेकिन याद रखें कि मेहनत का मतलब हमेशा सफलता नहीं होता।  सफलता पाने क लिए जरूरी है की मेहनत सही दिशा में की जाए।  आर्थिक विश्लेषण से पता  चलता है कि हम सही दिशा में मेहनत कर रहे है या नहीं।

"महत्वपूर्ण बात यह नहीं की आपका इनपुट क्या है, महत्वपूर्ण बात ये है की आपका आउटपुट क्या है"  

सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें,

अक्सर हमारी दिनचर्या ऐसी होती है की हमारे सामने जो काम अाता है हम उसे करने लग जाते है।  और इस वजह से हमारा सारा समय छोटे छोटे कामों को निपटने में ही चला जाता है।  हमारे महत्वपूर्ण काम सिर्फ इसलिए नहीं हो पाते क्योकि हम महत्वहीन कामों में उलझे रहते है।

इसलिए अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट रखें और अपना समय महत्वहीन कामों में  बर्बाद ना करें।  इसलिए समय क सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तीसरा सिद्धांत है : सबसे महत्वपूर्ण काम को सबसे पहले करें।  हर महत्वकांशी व्यक्ति को अपने सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करने चाहिए लेकिन उसके लिए उसे  चाहिए कि सबसे महत्वपूर्ण काम कौन से है।  उसक पास उसकी प्राथमिकताओं की लिस्ट होनी चाहिए ऐसा करना बहुत ही असान है।  एक डायरी लें उसमे ए , बी, सी शीर्षक के तीन कॉलम बनाएं ए  कॉलम में ऐसे कार्य रखें जिन्हे आप अनिवार्य मानते है , बी कॉलम मे ऐसे काम रखें जो अनिवार्य तो नहीं लेकिन परन्तु महत्वपूर्ण है , सी कॉलम में ऐसे कार्य रखें जो न ही अनिवार्य है न ही महत्वपूर्ण।  इस तरह पहले ए कॉलम के काम निपटा लें उसक बाद बी कॉलम क काम शुरू करें फिर समय बचने पर सी कॉलम की ओर जाएं।

४. यात्रा के समय का अधिकतम उपयोग करें,

हर सफल व्यक्ति २४ घंटों में ज्यादा से ज्यादा उपयोगी काम करना चाहता है उसकी  दिनचर्या ही समय ले सर्वश्रेष्ठ उपयोग पर केंद्रित होती है।

आपके भविष्य का रहष्य आपकी दिनचर्या में छुपा होता है सफल व्यक्ति अपने बहुमूल्य समय का अधिकतम उपयोग करता है।  इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग  का चौथा सिद्धांत है : यात्रा क समय का अधिकतम उपयोग करना।

 समय के प्रयोग को लेकर सभी सफल लोग सतर्क रहते है क्योकि वह जानते है की समय बड़ा बलवान  होता है और इसके सदुपयोग से ही सफलता संभव है।
आप और हम सभी अपनी यात्रा के समय का लाभ उठा सकते है।  नौकरीपेशा लोगों को घर से ऑफिस तक की यात्रा में काफी समय लग जाता है और सेल्समन का तो अधिकतम समय यात्रा में ही गुज़रता है।  हमें यह जान लेना चाहिए कि अगर हम हर दिन ढाई घंटे यात्रा करते है, तो हमारे जीवन का लगभग १० % समय यात्रा में ही चला जाता है।  इस समय में कोई मूल्यवान काम करके इसका सार्थक उपयोग कर सकते है।

समय का धयान रखेंगे तो समय भी आपका ध्यान रखेगा।

५. काम सौंपना सीखें,

कोई भी इंसान सब कुछ नहीं  सकता।  बहरहाल कई लोग हर काम को खुद करने की कोशिश करते है, और जाहिर है की वो असफल होते है।  हर व्यक्ति चाहता है कि अपने महत्वपूर्ण काम को वो खुद करे, लेकिन  निश्चित ऊंचाई पर पहुंचने के बाद प्रगति के लिए दूसरों को काम सौपना अनिवार्य हो जाता है।
दूसरों को महत्वपूर्ण काम सौपना आसान नहीं होता, दूसरों की योग्यता निष्ठां पर भरोसा करना आसान नहीं होता।  लेकिन बड़ी सफलता हासिल करने क लिए ऐसा करना अबिवार्य है।  इसके बाद ही सच्ची प्रगति संभव है क्योकि अब आप अकेले नहीं है।  अब आपके पास एक टीम है जिसकी वजह से आपका समय कई गुना बढ़ जाता है और आप उसका सदुपयोग करके ज्यादा तेज़ी से अपनी मंज़िल तक पहुंच सकते है।

इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का पांचवा सिद्धांत है: काम सौपना सीखें।

प्रगति की रह में एक ऐसा मोड आता है जहाँ भविष्य में प्रगति करने के लिए दूसरों को काम सौपना अनिवार्य हो जाता है।  इसलिए बेहतर होगा कि  आप काम सौपने की कला सीख लें।

काम  सौपने के लिए आपको  बस इतना करना है कि आप सही व्यक्ति को खोज कर उसे काम सौप दें।  यानी की ऐसा व्यक्ति चुनें जिसमे उस काम को अच्छी तरह  करने की क्षमता और इच्छा हो।  फिर उसे बता दें की उसे क्या करना है, कैसे करना है और कब तक करना है।

काम सौपने की कला में निपुण होने क लिए सिर्फ दो चीज़ों की जरूरत है , यह पता लगाना कि कौंन से काम सौपें जा सकते है और किसे।  बस इतनी सावधानी बरतें कि अति गोपनीय या अत्यंत महत्वपूर्ण काम दूसरों को सौपने की बजाए खुद करें।

"अमीर लोग समय में निवेश करते है गरीब लोग धन में"

६. पैरेटो के २०/८० के नियम  जानें 

पैरेटो के २०/८० के नियम के सर्व श्रेष्ठ उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है क्योकि इसको जानने के बाद आप समय का बेहतर उपयोग कर सकते है।  पैरेटो के अनुसार आपकी २०% प्राथमिकताये आपको ८०%  परिणाम देंगी बशर्ते आप अपनी शीर्षस्थ २० % प्राथमिकताओं पर अपना समय, धन, ऊर्जा और कर्मचारी लगाएं।
यदि हम समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना चाहते है तो यह आवश्यक है कि हम उस २०% सार्थक समय का पता लगाएं और जहाँ तक संभव हो उसे बर्बाद होने से बचाएं यही नहीं हमें उस ८०% समय का भी पता लगाना चाहिए, जिसमें हम सिर्फ २०% परिणाम ही हासिल कर पाते है। ऐसा करने से हम अपने सार्थक समय के अनुपात को बढ़ा सकते है और निरर्थक समय को कम  कर सकते है।

यदि आपको लगता है कि आप कड़ी मेहनत करे के बाद भी सफल नहीं हो रहे तो पैरेटो के सिद्धांत को आजमा कर देखिए।  इससे आप यह जान जाएंगे की आप किस काम में कितनी मेहनत कर रहे हैं।

"यदि आप परिश्थितिओं को बदलना चाहते है तो अलग तरीके से सोचना शुरू करें "

वास्तविक संसार में यह महत्वपूर्ण नहीं होता कि आप कितनी कड़ी मेहनत कर रहे है: महत्वपूर्ण ये होता है की आप कितनी बुद्धिमानी और चतुराई से मेहनत कर रहे है।  अकसर ऐसा होता है कि हम अपना समय छोटे छोटे कामों में लगा देते है।  हम यह सोचते हैं कि पहले आसान और छोटे काम निपटा लें, इसके बाद आराम से अपने महत्वपूर्ण और बड़े काम निपटा लेंगे।  बहरहाल बाद में जाकर हमें अहसास होता है की महत्वपूर्ण और बड़े कामों के लिए हमारे पास टाइम ही नहीं बचा।  यदि आप पैरेटो के सिद्धांत को याद रखेंगे तो ऐसा कभी नहीं होगा। 

७. पर्किन्स के नियम का लाभ लें,

पर्किन्स का नियम है की "काम उतना ही फ़ैल जाता है, जितना इसके लिए समय होता है।

इसका अर्थ ये है कि हमारे पास जितना काम होता है हमारा समय भी उसी के अनुरूप फैलता और सिकुड़ता है।  यानी यदि हम काम समय में ज्यादा काम करने की योजना बनाते है तो समय फ़ैल जाता है और वो सारे काम उसी अवधि में पूरे हो जाते है।  दूसरी ओर अगर हम उतने ही समय में कम काम करने की योजना बनाएँगे तो समय सिकुड़ जाएगा और उतनी ही अवधी में हम कम काम कर पाएंगे।

इसलिए समय के  सर्वश्रेष्ठ सिद्धांत है की पर्किन्स के न्यायम का लाभ लें।
लक्ष्य जितना बड़ा होगा, उपलब्धि भी उतनी ही बड़ी होगी।

जो व्यक्ति बड़े लक्ष्य बनाता है, वह अपने सीमित समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने में सफल हो जाता है जबकि छोटे लक्ष्य वाला अपने सीमित समय का उपयोग  कर पाता है।

८. अपने प्राइम टाइम में काम करें,

टेलीविज़न पर प्राइम टाइम में - यानी रात आठ बजे से दस बजे तक - विज्ञापन की कीमत सबसे ज्यादा होती है। विज्ञापन उतने ही समय का रहता है लेकिन उसकी कीमत बढ जाती है।  कीमत बढ़ने का बस एक ही कारण  होता है कि विज्ञापन प्राइम टाइम में प्रसारित किआ जाता है जिसमे इसे ज्यादा दर्शकों द्वारा देखा जाता है।

हमारे आपके लिए भी दिन के २४ घंटे एक से नहीं होते। दिन के किसी समय में आपका उत्साह, ऊर्जा, विचार शक्तिं, और कार्यक्षमता बाकि समय की तुलना में अधिक होता है।  यही आपका प्राइम टाइम है।  आपका प्राइम टाइम चाहे सुबह का हो या रात का,  महत्वपूर्ण बात इसे पहचानना है।  अपने प्राइम टाइम को छुटपुट काम में बर्बाद न करें, क्योकि छुटपुट काम प बाकि समय में भी कर सकते है।

"समय की मात्रा की बजाए उसकी सघनता और गुणवत्ता ज्यादा महत्वपूर्ण है"  
९. स्वयं को व्यवस्थित करें,

अवयवस्थित जीवन हमारे सामने कई मुश्किलें खड़ी कर देता है , इनमे से एक मुश्किल ये है की हमारा समय अनावशयक रूप से बर्बाद होता है और दुखद बात  ये है कि हम खुद ही इसके लिए दोषी होते है।

इसलिए समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग का नवां सिद्धांत: खुद को व्यवस्थित करें।  

अवयवस्था का एक और रूप है बीमारी।  असंतुलित भोजन, अनियमयित नींद, चिन्ता, तनाव और हानिकारक आदतों की वजह से हम अक्सर खुद ही बीमारीओं को आमंत्रित करते है, समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने के लिए हमें व्यवस्थित जीवन जीना चाहिए , ताकि बीमारी हमसे दूर रहें।  हमें यह याद रखना चाहिए कि बीमारी की वजह से हमारे कई दिन बर्बाद हो सकते है क्योकि इस दौरान हम कोई रचनात्मक या चुनौतीपूर्ण कार्य करने की स्थिति में नहीं होते है।

अवयवस्था का एक और रूप है अनावश्यक चर्चा चाहे वो प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष (जैसे फ़ोन पर) फ़ोन पर चर्चा करने से पहले अगर हमारे पास आवश्यक बातों की बिंदुवार योजना हो तो चर्चा  सार्थक होगी  परन्तु अगर फ़ोन पार गैर जरूरी बातें करते रहें और जरूरी बातें भूल जाएं तो निश्चित रूप से यह हमारी लापरवाही का सूचक और समय की बर्बादी का उदाहरण है।

अवयवस्था का एक और आम उदाहरण है बिना अपॉइंटमेंट के किसी से मिलने चले जाना।  यदि अापने अपॉइंटमेंट नहीं लिया है तो हो सकता है कि आपको मिलने के लिए अनावशयक इंतज़ार करना पड़े और आपका समय बर्बाद हो। यह भी हो सकता है की समाने वाला आपसे मिले ही नहीं और आपका आने जाने का पूरा समय बर्बाद हो जाए।

यह ध्यान रखें कि अगर आपकी दिनचर्या व्यवस्थित है तो आपका जीवन भी व्यवस्थित होगा तो आप सहजता से समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर पाएंगे। 

१०. टाइम टेबल बनाएं ,

जिस तरह पैसे की बर्बादी को रोकने के लिए बजट बनाना जरूरी है उसी तरह समय की बर्बादी को रोकने के लिए टाईमटेबल बनाना जरूरी है।

इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का दसवां सिद्धांत है : टाईमटेबल बनाएं। 

आपका  हो सकता है : पूर्ण टाइमटेबल और संक्षिप्त टाईमटेबल 

पूर्ण टाईमटेबल - पूर्ण  टाईमटेबल में आप पूरे २४ घंटे की  योजना बनाते है।

संक्षिप्त टाईमटेबल - संक्षिप्त टाईमटेबल में आप पूरे दिन की योजना नहीं बनातें आप सिर्फ  कामकाज और बिज़नेस हॉर्स की योजना बनाते है।

संक्षिप्त टाईमटेबल बनाना और उसका पालन करना आसान है और शुरुआत में अच्छा है।  यह वयवसायिक लक्ष्य बनाने के लिए बेहरीन तरीका है।  बहरहाल आप इस बात का ध्यान रखें की संक्षिप्त टाईमटेबल आपको सिर्फ एक दिशा में ही सफलता दिलाएगा जबकि सम्पूर्ण टाईमटेबल आपको जीवन के हर क्षेत्र  में सफलता दिलाता है क्योकि वह संतुलित और सम्पूर्ण होता है। 

११. कर्म में जुट जाए,


"कर्म ही वह जादुई तत्व है, जो आपको स्थाई सफलता दिलाता है।"

इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का ग्यारहवां सिद्धांत है, कर्म में जुट जाएं।

हम सब जानते है कि बिना मेहनत किए हम सफल नहीं हो सकते।  परन्तु आश्चर्यजनक बात ये है कि इसके बावजूद हम मेहनत से जी चुराते है,काम को टालते है, मूड न होने का बहाना बनाते है , समय या संसाधन न होने का तर्क देते है यानि काम करने के अलावा सब कुछ करते है।  यानि इस संसार में साडी चीज़ें हासिल की जा सकती है, लेकिन कर्महीन व्यक्ति को नहीं मिलती है।

काम से जी चुराने का मूलभूत कारण यह  स्वाभाव से आलसी होते है, और हमारा मन हमें मनोरंजन या आनंद की आसान तथा आकर्षक राह की तरफ खींचता है।  हम यह भूल जाते हैकि सफलता की राह मुश्किलों से भरी रहती है, जिस पर चलने का श्रम करने के लिए  हमें अपने मन को काबू करना होगा अपनी इच्छाशक्ति को ढृढ़ करना है और अपने लक्ष्य की तरफ लगातार बढ़ना होगा।  हम ये भी भूल जाते है की सफल व्यक्ति अपने मूड का दस नहीं बल्कि उसके स्वामी होते है।

पूरी सृष्टि कर्म और फल के सिद्धांत पर चलती है,  इसलिए आपको अपने कर्म के अनुपात में ही फल मिलता है

यदि आप सफलता चाहते है, तो कर्म में जुट जाएं और तब तक जुटे रहें जब तक कि आप सफल न हो जाएं।  यदि आपने समय का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना सीख लिया तो आगे जा कर समय आपको पुरष्कार में वह वस्तु देगा जिसे आप प्रबलता से चाहते है- सम्मान, सफलता, धन, सुख या जो भी आप चाहते है।

१२. अपनी कार्यक्षमता बढ़ाएं,

कार्यक्षमता को बढ़ने की पहली शर्त है- इच्छा। ज्यादातर लोगों को इस काम में बड़ी दिक्कत आती है।  उनका अहं यह मैंने को तैयार नहीं होता कि कोई दूसरा उनसे ज्यादा सक्षम है।  उन्हें हमेशा यही लगता है की वो जितना कर रहे है उससे ज्यादा हो ही नहीं सकता।  वे हमेशा कम सक्षम लोगों  तुलना करके खुद को श्रेष्ठ साबित करते है।  कार्यक्षमता बढ़ाने की दूसरी  शर्त है ज्ञान। आपको यह ज्ञान होना चाहिए कि क्षमता कैसे बढाई जा सकती है। 

अपने से कम सक्षम लोगों से तुलना करने का कोई फायदा नहीं होता, अगर तुलना करनी ही है तो तो अपने से ज्यादा सक्षम लोगों से करें।  इससे भी बेहतर उपाय यह है कि अपने पिछले प्रदर्शन  तुलना करें।  यह सोचें की कोई काम अगर अपने कल डेढ़ घंटे में किया था तो आज सवा घंटे में कैसे करें। बस यह धयान रखें की का की गुणवत्ता में कमी नहीं आना चाहिए।   

१३. डेडलाइन तय करें,  

अगर आखिरी मिनट की डेडलाइन नहीं होती, तो बहुत सारी चीज़ें कभी नहीं हो पाती।  

डेडलाइन यानि आखिरी समय सीमा।  डेडलाइन तय कर लेने से आपको सभी  काम समय सीमा में या उससे पहले पूरा करने  हो जाएगी डेडलाइन तय करना एक ऐसी लाभकारी आदत है जिससे आप जीवन के हर क्षेत्र में तरक्की कर सकते है 

आखिर डेडलाइन में ऐसा क्या होता है की आपकी क्षमता बढ़ जाती है , देखिए पहली बात तो आपको एक स्पष्ट  मिल जाता है और हम सबको पता है कि स्पष्ट लक्ष्य होने से हम काम ज्यादा तेज़ी से कर सकते है।  दूसरा आप एक योजना बनाते है  चलने के लिए आप खुद को अनुशाषित करते है।  तीसरे डेडलाइन उस काम पर आपका ध्यान केंद्रित करती है जिससे आप उसे समयसीमा में ख़त्म करने के नए नए तरीके सोच सकते है।  

अपने खुद अपने जीवन में महसूस किया होगा  कि जब आपको डेडलाइन दी जाती  है तो आपकी इन्द्रिआं सक्रिय हो जाती है।  आपके भीतर एड्रीनलिन का श्राव हो जाता है और आपका आलस भाग  जाता है।  आप सक्रिय हो जाते है और पूरा ध्यान केंद्रित करके  काम में जुट जाते हैं 

समय भी धन जैसा होता है यह हमारे पास जितना कम होता है हम इसका इस्तेमाल उतनी ही किफ़ायत से करते हैं।  

१४. समय ख़रीदना सीखें,

आपके लिए को सी चीज़ ज्यादा महत्त्वपूर्ण है : समय या धन।  आप दोनों में से किसे बचाने की ज्यादा कोशिश करते है।  

यदि आप समय से ज्यादा पैसे बचाने की कोशिश करते हैं तो इसका मतलब  आप अपने समय को ज्यादा महत्त्व  नहीं देते , दूसरी ओर जो लोग समय बचने को जयादा महत्त्वपूर्ण मानते है वो इसे बचने की भरसक कोशिश करते हैं। एक तरह से कहा जाएतो वे समय को खरीद लेते है।  कम्पन्नी के मालिक यही करते है वो दूसरों क समय को खरीद लेते है।   कंपनी का मालिक कोई उत्पादन नहीं करता कोई वितरण नहीं करता  प्रबंधन नहीं करता तब भी मुनाफा उसी  का होता है कंपनी के मालिक कर्मंचारिओं को तनख्वाह दे कर उनका  खरीद लेते है।  

यदि आप भी अपना समय बचाना चाहते है तो तो आप भी समय के सर्वश्रेष्ठ चौदहवें सिद्धांत का पालन करें : समय खरीदना सीखें।  

उदाहरण के लिए आपको बिजली का बिल जमा करना है जिसमे आने जाने और लाइन में खड़े होने में डेढ़ घंटे का समय लग सकता है। पहले सिद्धांत क अनुसार आपके डेढ़ घंटे का मूल्य १५० रुपए है तो  यदि कोई एजेंट २० रुपए लेकर आपका काम करने को तैयार हो तो आपको ख़ुशी ख़ुशी हाँ कर  देना चाहिए क्योकि आपका समय इससे ज्यादा कीमती है।  इस तरह पैसे देकर समय खरीदना सीखें ये सिद्धांत बहुत महत्त्वपूर्ण है और सारी बड़ी कम्पनीआं इसका ही फायदा उठती हैं।  आधुनिक युग की आउटसोर्सिंग नीति इसी पर आधारित है।  

"समय धन से ज्यादा मूलयवान है आप अधिक धन तो पा सकते हैं लेकिन अधिक समय नहीं।"   
१५. भावी लाभ के लिए वर्तमान में त्याग करें ,

समय के मामले में हम सभी क पास विकल्प होता है, हम चाहें तो सदुपयोग कर सकते है और हम चाहें तो दुरूपयोग कर सकते है।  हम चाहें तो वर्तमान पल को मौज मस्ती में बर्बाद कर सकते है और हम चाहें तो वर्तमान पल को सुनहरे भविष्य की सीढ़ी बना सकते है।
हर सफल व्यक्ति भावी लाभ के लिए वर्तमान  समय का निवेश करता है जिस तरह  कम्पनीआं भावी  लाभ के लिए पूंजी का निवेश करती है उसी तरह व्यक्ति भावी सफलता के लिए  वर्तमान समय का निवेश करते हैं

 इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का पन्द्रहवां सिद्धांत है : भावी लाभ के लिए वर्तमान में त्याग करें।

दरअसल हम सभी के पास एक  दिन में २४ घंटे का ही समय होता है , मुकेश अम्बानी के पास भी और छगनलाल के पास भी अहम् सवाल तो यह है कि आप उस समय में क्या करने का विकल्प चुनते हैं।  यह इस बात  निर्भर है कि आपके लिए क्या ज्यादा महत्त्वपूर्ण है : क्षणिक सुख या भावी सफलता।

१६. निश्चित समय पर काम करें ,

हमारे शरीर में एक घडी होती है जिसे बायोलॉजिकल क्लॉक कहा जाता है।  जब आप   निश्चित समय पर काम करने की आदत डाल लेते है तो आपका शरीर उसे अनुसार ढल जाता है, यदि आप हर दिन दोपहर डेढ़ बजे खाना खाते है तो आपको उस समय  अपने आप भूख लगने लगेगी यदि आप हर रात १०  सोते है तो आपको उस समय अपने आप नींद आने लगेगी।  यह बायोलॉजिकल क्लॉक है जो आपसे निश्चित समय में काम करवा रही है बस आपको आदत  इसमें चाभी भरनी होगी

हर महत्वपूर्ण काम का निश्चित समय तय करने से आप शारीरिक और मानसिक रूप से उस काम के लिए पूरी तरह तैयार  होते है।

इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का सोलहवां सिद्धांत है : निश्चित समय पर काम करें।

निश्चित समय पर महत्वपूर्ण काम को करने की आदत डालने के बहुत  फायदे है, पहला, तो यह कि आपको वह काम करने में आलस नहीं अाता। दुसरे, आदत पड़ने पर आपका मन और शरीर पूरी तरह सक्रिय होकर सहयोग देता है। तीसरा, आपको उसमे आनंद आने  लगता है जिससे वह कार्य सरल हो जाता है। चौथे, समय के साथ साथ आप उस कार्य को जल्दी और अच्छे से करने के तरीके खोज  लेते है।  पांचवां , आप नियमितता से एक निश्चित तंत्र में  चलते है तो प्राकृतिक शक्तिआं भी आपकी मदद करने लगती है।
पूरा ब्रह्माण्ड एक निश्चित तंत्र में काम करता है- आपको  करना चाहिए।

१७. समय की बर्बादी के गुरुत्वाकर्षण के नियम को जानें, 

 यदि आप हवा में छलांग लगाएंगे तो क्या होगा आप पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारन आप नीचे आ जाएंगे।  यही समय के मामले में भी  होता है जैसे ही आप कोई महत्वपूर्ण काम शुरू करते है वैसे ही बाधाओं का गुरुत्वाकर्षण सक्रिय हो जाती है और आपको नीचे धकेलने लगती है , लोग आपसे दूसरा काम करने के लिए कहेंगे, कोई आपसे मिलने आ जाएगा, किसी का फ़ोन आ जाएगा , बॉस आपको कोई अनावश्यक कार्य थमा देंगे।  यह और कुछ नहीं  गुरुत्वाकर्षण का नियम है।
जैसे ही आप कोई महत्वपूर्ण कार्य शुरू करते है रुकावटें सामने आने लगती है अन्य तात्कालिक हावी होने लगते है और परिस्थितयां विकट हो जाती है।  ये कुछ और नहीं बल्कि बाधाओं का गुरुत्वाकर्षण है जो आपको नीचे खींच रहा है।

आपको इस गुरुत्वाकर्षण शक्ति से सजग रहना होगा।

 इस दुनियां में दूसरों की तरक्की देखकर जलने की परम्परा है।  इस दुनिया में दूसरों की टाँग खींचने की परम्परा है।  इस दुनियां  में दूसरों के पर कतरने की परंपरा है इससे बचने के उपाय बहुत ही सरल है : अपना मुँह बंद रखें।  किसी को भी न बताएं कि  आप कोई महत्वपूर्ण कार्य कर रहें है , अपने एक नई आदत डाली है या आप  कितने ऊपर पहुंचना चाहते हैं।

किसी  पता न  चलने दें कि आप ऊपर उठने की कोशिश कर रहे है वरना आपको नीचे खींचने में वो अपनी पूरी शक्ति लगा देंगे।

इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का सत्रहवाँ सिद्धांत है : समय की बर्बादी के गुरत्वाकर्षण नियम  को जानें।

बाहरी संसार के आक्रमण पैतरों को पहचानना सीखें ताकि उनकी वजह से आपके महत्वपूर्ण काम पर असर न हो।

१८. न्यूटन की गति के पहले नियम का लाभ लें ,

सरल भाषा में न्यूटन का गति का पहला नियम कहता है कि जो चीज़ जिस अवस्था में है उसी में बनी रहती है जब तक उस पर कोई बाहरी बल का प्रयोग ना किया जाए।  आप जैसे है वैसे ही रहेंगे जब तक की आप पर कोई बाहरी बल का प्रयोग न हो, ये बाहरी बल कहाँ से आता है : या तो दूसरों के दबाब से या फिर आपके अनुशासन से , आपकी  स्वप्रेरणा से।
यहीं पर समय के सदुपयोग का दूसरा नियम काम आता है : आर्थिक लक्ष्य बनाएं।  यही आर्थिक लक्ष्य  निरंतित प्रेरित  करता है ताकि आप बाहरी बल यानि अनुशासन का प्रयोग करके अपनी अवस्था को बदल सकें , आपकी आर्थिक स्थिति चाहे जैसी हो आप अनुशासन करके उसे हमेशा बेहतर बना सकते है।

"अनुशासन ही सफलता और लक्ष्य के पुल है"

इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का अठारहवाँ सिद्धांत है : न्यूटन के पहले  नियम का लाभ लें।
दूरी महत्वपूर्ण नहीं होती , मुश्किल तो सिर्फ पहला कदम होता है

जैस कि हम  पिछले सिद्धांत में देख चुके है बहुत से बाहरी बल आपकी प्रगति में बाधा  कोशिश करेंगे ,  लेकिन आप उनसे सतर्क रहें और अपनी गति को बरकरार रखें।

लोग कहते हैं कि समय परिस्थितिओं को बदल देगा,  लेकिन सच तो यह है की आपको उन्हें खुद ही बदलना होगा।

१९, यह महत्वपूर्ण नहीं की आपने कितना काम ; महत्वपूर्ण तो परिणाम है ,

यह बेहद महत्वपूर्ण सिद्धांत है , क्योकि अक्सर यहीं पर ग़लतफ़हमी का अंदेशा रहता है।  कर्मचारी अक्सर महसूस करते है कि वे आठ घंटे काम करते है इसलिए उनकी तनख्वाह बढ़नी चाहिए , दूसरी ओर कंपनी के मालिक सोचते है इस आदमी ने ५००० रूपऐ का काम  इसे ८००० तनख़्वाह पहले से मिल रही है, इसलिए इसकी तनख्वाह बढ़ाने की जरूरत नहीं।

इस उदाहरण में हमने क्या देखा कर्मचारी के लिए महत्त्वपूर्ण पैमाना यह है कि उसने कितने समय काम किया जबकि कंपनी के मालिक के लिए महत्वपूर्ण पैमाना यह है कि उसने कितना मूल्यवान परिणाम दिया।  मानसिकता के इस अंतर को कभी न भूलें क्योकि सफल व्यक्ति का ध्यान हमेशा परिणाम पर केंद्रित होता है।

समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का उन्नीसवाँ सिद्धांत है : कि यह महत्वपूर्ण नहीं की आपने कितना काम ; महत्वपूर्ण तो परिणाम है

"एक पूर्ण सार्थक काम पचास आधे अधूरे कामों से बेहतर है"

हमेशा सफल लोगों के नजरिए से दुनिया देखें : यह महत्वपूर्ण नहीं की आपने कितना काम ; महत्वपूर्ण तो परिणाम है।

२०, तय करें की कौन सा काम कब करना है ,

जिस तरह सभी जूते एक नाप के नहीं होते उसी तरह सभी काम भी एक समान  नहीं होते।  कुछ काम बहुत महत्वपूर्ण होते है जिनमे ज्यादा समय और एकाग्रता की जरूरत होती है , कुछ काम ऐसे होते है जिन्हें आसानी से कभी भी पूरा किया जा सकता है। कुछ काम ऐसे होते है जिन्हे आप नहीं कोई भी पूरा कर सकता है।  यहीं टाइम मैनेजमेंट काम आता है।  आप महत्वहीन काम दूसरों से करवा सकते है और समय खरीद सकते हैं। आपको यह संकल्प कर लेना चाहिए  महत्त्वहीन काम करने में अपना समय बर्बाद नहीं करेंगें और सिर्फ महत्वपूर्ण कामों में ही समय देंगे।

वैसे आप सप्ताह में एक दिन छुटपुट घरेलू कार्यों के लिए रख सकते है , उस दिन योजना बना कर अपने सरे पेंडिंग काम निपटा लें, अगर कोई काम ऑफिस के रास्ते में हो सकता है तो उसके लिए अलग से समय बर्बाद न करें , बल्कि ऑफिस आते जाते उसे निपटा लें।   रिजर्वेशन करवाना है तो लम्बी लाइन में लगने  बजाए इंटरनेट पर घर बैठे बैठे रिजर्वेशन करवा लें।  इसमें आपको थोड़ा अतरिक्त पैसा तो देना पड़ेगा लेकिन आपका समय बच जाएगा।

अगर मोबाइल पे बात करनी है  सुबह के कीमती समय में ना करके शाम का समय तय करें , यहीं इंटरनेट और इमेल्स के लिए सही है।  सुबह उठकर टीवी से भी दूर रहें , सुबह तो अपने सबसे महत्वपूर्ण कार्य करें क्योकि सुबह के कामों से आपके पूरे दिन की दिशा तय होती है।  यदि आप सेल्समन है तो सुबह सेल्स कॉल्स करें।

इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का बीसवां सिद्धांत है: तय करें कि कौन सा काम कब करना है।

"सच्ची सफलता पाने के लिए अपने आपसे ये चार सवाल करें , क्यों :? क्यों नहीं ? मैं क्यों नहीं ? अभी क्यों नहीं ?"

२१.  सुबह जल्दी उठें,

सुबह का पहला घंटा पूरे दिन की दिशा तय करता है

जो जल्दी सोता है , जल्दी उठता है ,  स्वास्थ्य , पैसा और बुद्धी रहती  है।  सुबह देर से   उठने से आपके पास दूसरे कामों   के लिए तो समय रहता है लेकिन अपने लिए समय नहीं रहता।

आदर्श स्थिति में नियम यह है कि सूरज उगने के दो घंटे पहले उठे और सूरज डूबने  के दो घंटे बाद सो जाएं। जब आप सुबह चार बजे उठते है तो आपके पास समय ही समय होता है।  ऑफिस जाने से पहले भी ४-५ घंटे का समय रहेगा।  इस दौरान आप व्यायाम कर सकते है आप अपने पूरे दिन की योजना बना सकते है और अपने महत्त्वपूर्ण काम निपटा सकते है दूसरी ओर   जल्दी सोने से भी आपको बहुत सारी समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी आपकी जीवन शैली ज्यादा  स्वास्थ्य हो जाएगी।

इसलिए  सर्वश्रेष्ठ उपयोग का इक्कीसवाँ सिद्धांत है - सुबह जल्दी उठें 

२२. एक घंटा व्यायाम करें ,

जो लोग सोचते है कि उनके पास शरीर के व्यायाम के लिए समय नहीं है  देर सबेर बीमारी के लिए समय निकलना पड़ेगा 

यदि आपने  लिए समय नहीं निकला तो आपका बाकि समय भी खतरे में पड जाएगा। इसलिए इस सिद्धांत को इस पुष्तक में शामिल किया गया है। 

इस एक घंटे में  आपको  शरीर की देखभाल करनी है।  टहलना है , व्यायाम करना , योगा क्लास या जिम जाना है , यानी शरीर के स्वास्थ्य पर ध्यान देना है।  समय प्रबंधन के सन्दर्भ में व्यायाम के कई लाभ है एक तो इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है  जिससे बीमारी के कारण आपका कीमती समय नष्ट नहीं होता दूसरे इससे आपके शरीर के साथ-साथ दिमाग में भी स्फूर्ति रहती है।  तीसरा आपका आलस दूर हो जाता है और आप अपने महत्त्वपूर्ण कार्य पूरे जोश से करने  में जुट जाते है।  व्यायाम से आपका शरीर गठीला रहेगा और आपका  अच्छा दिखेगा।  अगर आप सेल्समन है तो अच्छा लुक बहुत  महत्त्वपूर्ण है।  क्योकि आकर्षक और शारीरिक दृष्टि से फिट सेल्समन से लोग ज्यादा प्रभावित होते है। 

समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का बाईसवां  सिद्धांत है : एक घंटा व्यायाम करें।  

२३. टीवी के सन्दर्भ में सावधान रहें ,
  
टीवी के  आज कल कितना समय बर्बाद होता है उतना इतिहास में आज तक किसी दूसरी वजह से नहीं हुआ।  वैसे फेसबुक भी इस श्रेणी में बहुत तेज़ी से आ रहा है।  टीवी के कई दुष्प्रभाव है लेकिन हम यहाँ केवल समय की बर्बादी के बारे में बात करेंगे।  एक सर्वे में पाया गया कि लोग एक सप्ताह में लगभग १७ घंटे  टीवी देखते है यानि लगभग ढाई घंटे प्रति दिन , इसका मतलब लोग अपने सक्रीय समय का २०% हिस्सा टीवी देखने में गवां रहे है।  

इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तेइसवां सिद्धांत है : टीवी के सन्दर्भ में सावधान रहें। 


अख़बार टीवी की तुलना में जानकारी का बेहतर साधन है , अख़बार हमें पूरे संसार की जानकारी देता है और हमारा ज्ञान भी बढ़ाता है।  अख़बार में भी पढ़ने के लिए  चटपटी और मसालेदार ख़बरों की बजाए सकारात्मक और ज्ञानवर्धक ख़बरें ही चुनें क्योकि इससे आपका बहुत सा समय बच सकता है।  


२४. मोबाइल का न्यूनतम उपयोग करें ,


जरा सोचें , मोबाइल से आजकल हम कितने काम करते है , हम उस पर बातें करते है , गाने सुनते है , फिल्म देखते है, नेट सर्फिंग करते है , इंटरनेट बैंकिंग करते है , फोटो खींचते है , वीडियो बनाते है और देखते है। एक छोटे से मोबाइल की बदौलत आज दुनिया सचमुच हमारी मुठ्ठी में आ चुकी है।  


अधिकांश मोबाइल फ़ोन  में से घातक इलेक्ट्रो मेग्नेटिक रेडिएशन निकलता है जिससे कई प्रकार के खतरे उत्पन्न होते है। 


मोबाइल हमारे समय के सबसे बड़े शत्रुओं में से एक है क्योकि यह हमें महत्त्वहीन कामों उलझा देता है।  


इसलिए समय के सर्वश्रेठ उपयोग का चौबीसवाँ सिद्धांत है : मोबाइल का न्यूनतम उपयोग करें।  


मोबाइल दो तरफ़ा हमारा समय बर्बाद करता है : या तो हम खुद अपना समय बर्बाद करते है या फिर इसके माध्यम से दुसरे हमारा समय बरबाद करते है।  



मोबाइल पर समय की बर्बादी को देखते हुए कई लोग दो नॅम्बर रखते है, एक  सबके लिए और दूसरा खास लोगों के लिए , वे अपना सार्वजानिक मोबाइल नम्बर शाम से बंद कर देते है ताकि कोई अनावश्यक रूप से उन परेशान  न करे कोई महत्तवपूर्ण कॉल छूट न जाए  इसके लिए वे हर दो-तीन घण्टे में अपना फोन चालू करके मिस्ड कॉल देख लेते है कई लोग अपना फ़ोन साइलेंट मोड में रखते है और मिस्ड कॉल देख के अपनी सुविधा के अनुसार बात करते है। यदि आपने मोबाइल से होने वाली समय की बर्बादी को कण्ट्रोल नहीं किआ तो यह आपके महत्वपूर्ण समय की बर्बाद करता रहेगा।  इसलिए  न्यूनतम उपयोग करें  और उससे बचने वाले समय का अधिकतम सदुपयोग करें।   


२५. इंटेरनेट पर समय बर्बाद ना करें ,


सफलता और असफलता के बीच की विभाजक रेखा सिर्फ पांच शब्दों में बताई जा सकती है - मेरे पास समय नहीं है।  


ज्यादातर लोग इंटरनेट को वरदान  मानते है लेकिन जरा ठहरें इंटरनेट अभिशाप भी साबित हो सकता है। 


हर अच्छी चीज़ की तरह इंटरनेट का भी दुरूपयोग हो सकता है इसमें इंटरनेट का कोई दोष नहीं।  इंटरनेट पर तो हर तरह की जानकारी उपलब्ध है और यह आप पर है कि आप उसका कैसा  उपयोग करते है। इसमें सर्फिंग सबसे बड़ा जोखिम है होता  आप इंटरनेट पर जाते किसी काम से है तभी आपको कोई आकर्षक चीज़ दिख जाती है या कोई विज्ञापन दिख जाता है और उस  क्लिक करके आप दूसरी दुनिया में चले में चले जाते है।  


इसलिए समय  सर्वश्रेष्ठ उपयोग का पचीसवाँ सिद्धांत है : इंटरनेट पर समय बर्बाद न करें। 



बेहतर यही है कि आप  करें की आप  क्यों जाना चाहते है और फिर उसी साइट से आवश्यक जानकारी ले के इंटरनेट बंद कर दें।  इंटरनेट से होने वाले समय की बर्बादी से प्रति जागरूक रहें।  


२६. आलस से बचें , 

समय बचाने के लिए आपको आलस से बचना होगा।  जब भी कोई मुश्किल काम सामने  आता है तो हम आलस कर जाते है  टालमटोल करने लगते है।  लेकिन टालमटोल के अलावा भी आलस के कई कारण होते है।  आलस अहम् कारण है जिसे अधिकांश लोग अनदेखा कर देते है : जरूरत से ज्यादा भोजन कर लेना।  

जब आप आवश्यकता  भोजन कर लेते है या ज्यादा तला भुना  खा लेते है तो आपकी ऊर्जा में कमी आ जाती है और आपकी एकाग्रता में बाधा आती है।  आलस में आप ज्यादा गलतियां करते है और ताल मटोल करने या काम को जैसे तैसे निपटाने के चक्कर में  रहते है।  इससे आपकी गुड़वत्ता पर असर पड़ता है।  

यदि आप शरलॉक होम्स के दीवाने है तो आपको यह बात जल्दी समझ आ जाएगी क्योकि शरलॉक  जब किसी जटिल समस्या को  सुलझाने में जुटता  था तो वो खाना पीना छोड़ देता था उसका यह मानना था कि भोजन  करने के बाद खून का प्रवाह पेट की तरफ हो जाता है जिससे दिमाग की रफ़्तार धीमी हो जाती है।  

इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का छब्बीसवाँ सिद्धांत है : आलस से बचें। 

क्या आपने  यह सोचा है कि हम सुबह सबसे अच्छी तरह काम क्यों कर सकते है ?
एक कारण तो यह है कि आराम कर लेने के बाद शरीर थका हुआ नहीं रहता है।  दूसरा कारण यह है की सुबह ऑक्सीजन ज्यादा रहती है और तीसरा कारण यह है कि उस वक़्त हमारा पेट खाली होता है , पेट खाली  रहने से दिमाग ज्यादा तेज़ी से चलता है इसलिए हमें एक ही बार में ज्यादा भोजन  करने से बचना चाहिए।  

इसलिए अपने ऊर्जा स्तर को बनाए रखें और आलास नामक महारोग से बचें।   

२७. टालमटोल नहीं करें


हम सभी कभी न कभी टालमटोल करते है।  आज के काम को कल के लिए टाल देते है।  कारण यह होता है कि कभी मारा हमारा मूड नहीं होता , तो कभी काम मुश्किल लगता है।  लेकिन यह याद रखें कि टामटोल समय के प्रबंधन की द्रष्टि से खतरनाक है।  इसका एक नुकसान तो यह है कि आप कल के समय को गिरवी रख देते है।  आज का काम आज ही निपटाएं कल पर बोझ न डालें ताकि कल के लिए आप पर दबाब काम हो जाए और और आप उसमे नए काम कर सकें।  


इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का सत्ताईसवाँ सिद्धांत है : टालमटोल न करें।  


अब जरा यह समझ लें कि हम टालमटोल क्यों करते है।  इसके कई कारन होते है : या तो काम बोरिंग है या तो मुश्किल होता है या तो उसकी कोई समय सीमा नहीं है या उसकी समय सीमा नहीं होती या तो आपको काम बड़ा नज़र अाता है कि आपको समझ नहीं अत की शरू कहाँ से करें।  सौ बातों की एक बात टालमटोल काकरण जो भी हो उसे पूरा करें और आज के काम को आज ही पूरा करने की आदत डालें। यह कभी न भूलें कि बुलंद इरादों से हर समस्या सुलझ सकती है और कमजोर इरादों से हर समस्या विकराल लग सकती है।  असल सवाल तो यह है कि आपका इरादा कितना बुलंद है।  अगर काम बड़ा हो तो उसे छोटे छोटे टुकड़ों में बांट लें। 



सफलता के नियम तब तक काम नहीं करेंगे  जब तक आप काम नहीं  करेंगे।    

२८, अगले दिन की योजना बना कर अवचेतन मन की शक्ति का लाभ लें ,


आदर्श स्थिति यह रहती है की आप कल के काम की योजना आज रात में ही बना लें।  एक दिन पहले योजना बनाने से लाभ यह होता है कि आपको अवचेतन मन कि शक्ति का लाभ मिल जाएगा।  यह साबित हो चुका है कि हमारे भीतर दो मन होते है : चेतन मन और अचेतन मन।  


चेतन मन वह जो सोचता है जिसके बारे में हम जागरूक होते है। दूसरी ओर हमारे भीतर एक अवचेतन मन भी होता है जो हमें  लेकिन यह हमें जल्दी से और सही तरीके से काम को पूरा  करने के नए नए तरीके सुझा सकता है।  कई बार ऐसा होता है की हमें कोई जवाब बहुत सोचने पर भी याद नहीं अाता लेकिन सुबह होते ही अपने आप जवाब मिल जाता है ,   ऐसा आपके अवचेतन मन के कारन हुआ।  रात में जब आप सो रहे थे तो आपका चेतन मन सो रहा था और अवचेतन मन ने उस समस्या के हल पर काम किआ और सुबह होते ही जवाब आपके सामने पेश कर दिया।


 जो काम चेतन मन के लिए मुश्किल होता है , इसलिए अवचेतन मन की शक्ति का लाभ लें , और एक रात पहले ही अगले दिन  योजना बना लें।  


मष्तिष्क जो सोचता है यकीं मानिए उसे हासिल भी कर सकता है।   


२९, बुरी लतों से बचें ,


यहाँ हम शराब और  सिगरेट जैसे विषयों पर बातचीत नहीं करेंगे बल्कि उनक सन्दर्भ में लगने वाले समय के बारे में बात करेंगे।  


अनुमान यह है की सिगरेट पीने में युवा वर्ग को आधा घंटा लगता है , जबकि सिगरेट पीने में सिर्फ पांच मिनट का समय  लगता है।  लेकिन इसके लिए जुगाड़ करने और माहौल बनाए में इतना समय लग जाता है।  


इसलिए समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का उन्तीसवां सिद्धांत है : बुरी लतों से बचें।  


सिगरेट और शराब के अलावा भी कई बुरी लतें है, जो  समय बर्बाद करती है।  ये मनोवैज्ञानक आदतें होती है जिनमे उलझ कर आप अपना समय खुद बर्बाद करते है।  एक आदत है दूसरो की बुराई करने और इधर उधर की बातें करने की आदत।  यह आदत समय प्रबंधन के हिसाब से बहुत बुरी है क्योकि इसमें आपका बहुत सारा समय बर्बाद होता है।  



बहस या लड़ाई करने में भी आपका बहुत समय अबारबाद हॉट है, तनाव होता है सो अलग इसलिए इन आदतों से बचें 


"आप देर कर सकते है, लेकिन समय नहीं करेगा"

३०, सापेक्षता के नियम को समझें ,



सापेक्षता का नियम समय के सन्दर्भ में भी बहुत महत्त्वपूर्ण है, समय वहीं रहता है, बस हमारा नज़रिया बदल जाता है।  आपने प्रायः देखा होगा , बच्चे वीडियो गेम  खेलते है तो उन्हे भूख प्यास का अहसास ही नहीं होता।  उन्हें पता ही नई चलता कि कब दो घंटे गुज़र गए।  दूसरी ओर जब बच्चे पढ़ते है तो उन्हें सौ काम याद आ जाते है और पंद्रह मिनट में ही उन्हें ऐसा लगता है की बहुत जयादा समय हो गया।  यह सापेक्षता के नियम के कारण है।  

अपना प्रिय और मनपसंद काम करते समय आपको समय का अहसास ही नहीं होता क्योकि तब आप लय में होते है जिसे मनोवैज्ञानिक फ्लो में रहना कहते हैं।  


तो बेहतर यह है कि सापेक्षता के नियम को ध्यान में रखकर अपने काम को दिलचस्प बनाने के तरीके खोजें।  ताकि आप लय में काम कर सकें।  अपने सबसे महत्वपूर्ण काम को दिलचस्प बनाएं और दिलचस्प मानें।  


काम को दिलचस्प बनाने के लिए आपको काम को दिलचस्प बनाने के उपाय ढूंढने होंगे।  जैसे आप अपने पिछले रिकॉर्ड से प्रतिस्पर्धा कर सकते है और आज आप नया कीर्तिमान बनाना चाहते है इससे आपको अपना काम खेल लगता है और आपमें नई  ऊर्जा का संचार होता है।  आप अपने आपको काम के अंत में कोई पुरष्कार देने का लालच भी दे सकते है , इससे आपकी दिलचस्पी बढ़ेगी।  


लक्ष्य हमारे पैरों को आगे बढ़ने की शक्ति देते है और हमें कष्ट सहन करने का सम्बल प्रदान करते है।  यदि आपका सपना पर्याप्त शक्तिशाली है तो यह आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।  


सापेक्षता के नियम को कभी न भूलें , दूसरों को लगेगा कि आप दिन रात खामख्वाह मेहनत कर रहे है।  जबकि आपको उनकी तरह मज़े करने चाहिए, लेकिन आपको यह दिखेगा कि आप रात-दिन म्हणत करके अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे है और वह समय जल्दी आएगा जब आप आप अपनी मंज़िल पर  जाएंगे और जिंदगी भर मज़े करेंगे।  

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